तुलसी की पूजा किस दिन नहीं करनी चाहिए?

तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, और इसकी पूजा से घर में सुख, शांति, और समृद्धि आती है। हालांकि, कुछ ऐसे दिन और अवसर होते हैं जब तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इन दिनों में तुलसी को जल चढ़ाना या इसके पत्तों को तोड़ना भी निषेध होता है। आइए जानते हैं तुलसी की पूजा कब नहीं करनी चाहिए और इसके पीछे धार्मिक कारण क्या हैं।

एकादशी के दिन तुलसी पूजा

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है, और तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है। हालांकि, इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से मना किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ने से पाप लगता है। इसलिए यदि आपको तुलसी के पत्ते पूजा में उपयोग करने हैं, तो उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।

सूर्यास्त के बाद तुलसी की पूजा

तुलसी की पूजा दिन के समय की जाती है, और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे के पास नहीं जाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रात के समय तुलसी माता सोती हैं, इसलिए इस समय तुलसी की पूजा करना या पत्ते तोड़ना अनुचित माना जाता है।

रविवार को तुलसी पूजा

रविवार को तुलसी की पूजा करना और तुलसी के पौधे में जल अर्पित करना वर्जित माना जाता है। इसके पीछे यह धार्मिक मान्यता है कि रविवार को भगवान सूर्य का दिन होता है, और इस दिन तुलसी माता की पूजा करने से दोष लगता है। रविवार को तुलसी के पौधे को छूने या जल अर्पित करने की बजाय आप इसे उसी स्थान पर छोड़ दें, और सोमवार से नियमित रूप से पूजा करें।

अमावस्या और ग्रहण के दिन तुलसी पूजा

अमावस्या के दिन और ग्रहण के समय तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस समय को अशुभ माना जाता है, और इस दौरान किसी भी देवी-देवता की पूजा करने से वर्जित माना गया है। ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को किसी वस्त्र से ढक देना चाहिए, ताकि इसकी पवित्रता बनी रहे।

शुक्रवार के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना

शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी और तुलसी माता के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है, लेकिन इस दिन तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित होता है। आप इस दिन तुलसी की पूजा कर सकते हैं, परंतु पत्तों को तोड़ने से बचना चाहिए।

तुलसी पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • तुलसी के पत्ते हमेशा शुद्ध अवस्था में ही तोड़ने चाहिए, जैसे कि स्नान के बाद।
  • तुलसी के पौधे को जूते-चप्पल पहनकर छूने या इसके पास खड़े होने से बचना चाहिए।
  • अगर तुलसी का पौधा मुरझा जाए, तो उसे नदी या किसी पवित्र स्थान पर विसर्जित करें, कभी भी उसे कचरे में न फेंकें।

निष्कर्ष

तुलसी माता की पूजा करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी है, लेकिन कुछ विशेष दिन जैसे रविवार, अमावस्या, और ग्रहण के समय तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन नियमों का पालन करने से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

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