गलिक दोष का प्रभाव केवल लड़कों पर ही नहीं, बल्कि लड़कियों पर भी पड़ता है। जब किसी लड़की की जन्मकुंडली में मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है, तो उसे भी मांगलिक दोष का सामना करना पड़ता है। इस दोष के कारण लड़की की शादी में देरी हो सकती है या वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं।
यहां जानिए कि मांगलिक लड़की की शादी कब होती है और इसके समाधान के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं:
मांगलिक लड़की की शादी कब होती है?
1. कुंडली के विश्लेषण के आधार पर
मांगलिक लड़की की शादी का समय उसकी जन्मकुंडली के विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करता है। विशेषकर मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कुंडली का संपूर्ण विश्लेषण किया जाता है। कुछ प्रमुख बिंदु जो शादी के समय को प्रभावित कर सकते हैं:- दशा और अंतरदशा: लड़की की जीवन की दशा और अंतरदशा विवाह के समय को प्रभावित करती है। विवाह के लिए शुभ समय तब होता है जब लड़की की कुंडली में विवाह के योग बनते हैं।
- ग्रह स्थिति: कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव भी विवाह की तारीख को प्रभावित कर सकते हैं।
2. उम्र और जीवन की स्थिति
आमतौर पर, मांगलिक दोष होने के बावजूद शादी की संभावना उस समय अधिक होती है जब लड़की के जीवन में अन्य अच्छे योग और दशाएं बन रही होती हैं। इसके अलावा, लड़की की उम्र, शिक्षा, करियर, और पारिवारिक स्थिति भी विवाह के समय को प्रभावित करती हैं।3. अन्य मांगलिक उपायों के प्रभाव
जब लड़की के मांगलिक दोष को शांत करने के लिए किए गए उपाय प्रभावी होते हैं, तो शादी का समय जल्द आ सकता है। इन उपायों में कुंभ विवाह, हनुमान पूजा, और मंगल दोष शांति यज्ञ शामिल होते हैं। सही उपाय और उपायों के प्रभाव से विवाह की बाधाएं कम हो सकती हैं और शादी के समय में सुधार हो सकता है।मांगलिक दोष को शांत करने के उपाय
1. मांगलिक लड़की से ही विवाह
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, एक प्रभावी उपाय है कि मांगलिक लड़की का विवाह एक मांगलिक लड़के से किया जाए। इससे दोनों के मांगलिक दोष एक-दूसरे को संतुलित कर देते हैं और विवाह में कोई बड़ी बाधा नहीं आती।2. उपाय और व्रत
- मंगलवार का व्रत: मांगलिक दोष को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हनुमान जी की पूजा: हनुमान जी की पूजा और मंत्र जाप से भी मांगलिक दोष को शांत किया जा सकता है।